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Wednesday, July 30, 2025

राजस्थान के रेगिस्तान में 4500 साल पुराना शहर खोजा गया, पाकिस्तान बॉर्डर के पास बड़ी खोज से वैज्ञानिक भी हैरान

 

जयपुर: पश्चिमी राजस्थान के थार रेगिस्तान में एक ऐतिहासिक खोज हुई है.जिसमे हड़प्पा सभ्यता के 4500 साल पुराने अवशेष मिलने का दावा किया जा रहा है.जी हां….राजस्थान के जैसलमेर जिले में हाल ही में एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोज हुई है,इस खोज ने इतिहासकारों और शोधकर्ताओं को नई दिशा दी है. यह खोज “रातडिया री डेरी” नामक स्थान पर की गई है, जो रामगढ़ तहसील से लगभग 60 – 70 किलोमीटर और सादेवाला से 15 – 17 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित है.इस स्थल पर हड़प्पा सभ्यता के लगभग 4500 साल पुराने अवशेष मिले हैं,जिसे सिंधु घाटी सभ्यता भी कहा जाता है.यह अवशेष राजस्थान के थार में इस सभ्यता के विस्तार की ओर इशारा करता है.

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यह खोज राजस्थान विश्वविद्यालय और अन्य संस्थानों के इतिहासकारों व शोधकर्ताओं की टीम ने सयुंक्त रूप से की है,जिसमें दिलीप कुमार सैनी, पार्थ जगानी, चतरसिंह जाम, प्रो. जीवनसिंह खरकवाल, डॉ तमेघ पंवार, डॉ रविंद्र देवरा और प्रदीप कुमार गर्ग प्रमुख हैं.इस खोज की पुष्टि प्रोफेसर जीवन सिंह खरकवाल, डॉ. तमेघ पंवार और डॉ. रविंद्र देवड़ा ने की है और इसका रिसर्च पेपर इंडियन जर्नल साइंस में पब्लिश के लिए भेजा गया है.

भारत पाक सीमा स्टे इस इलाके में बड़ी संख्या में मृदभांड, टैराकोटा वस्तुएं, चूड़ियां, पत्थर के उपकरण, तथा चर्ट पत्थर से बने ब्लेड प्राप्त हुए हैं.खास बात यह है कि यहां से वेज आकार की ईंटें भी मिली हैं, जिनका उपयोग गोलाकार भट्टियों और दीवारों के निर्माण में किया जाता रहा होगा.इस स्थल की दक्षिणी ढलान पर एक प्राचीन भट्टी भी खोजी गई है, जिसका निर्माण शैली मोहनजोदड़ो और गुजरात के कानमेर जैसी जगहों से मेल खाती है.इस खोज के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि हड़प्पा सभ्यता केवल नदी किनारे सीमित नहीं थी, बल्कि यह कठिन जलवायु और जीवन स्थितियों वाले थार मरुस्थल तक भी फैली हुई थी. “रातडिया री डेरी” स्थल न केवल पुरातात्विक दृष्टि से अनमोल है, बल्कि यह राजस्थान के इतिहास में एक नई धारा भी जोड़ता हैयह खोज हड़प्पा सभ्यता की व्यापकता, नवाचार और सामाजिक संरचना को समझने में अहम भूमिका निभाएगी.

यह पुरास्थल अपने आप में एक अनूठा एवं हड़प्पा सभ्यता में खोजे गए पुरास्थलों में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है क्योंकि उत्तरी राजस्थान एवं गुजरात के बीच में राजस्थान के थार इलाके के खोजा गया यह पहला पुरातात्विक स्थल है.इस महत्वपूर्ण हडप्पा सभ्यता की बस्ती से नगरीय सभ्यता से मिलने वाले सभी अवशेष विद्यमान है.महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पुरास्थल पाकिस्तान बॉर्डर के पास में स्थित है.

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दिलीप कुमार सैनी ने बताया कि इस पुरास्थल पर भारी मात्रा में खंडित मृदभांड यत्र तत्र बिखरे हुए है जिसमें हड़पा सभ्यता के नगरीय स्तर से संबंधित लेप उक्त लाल मृदभांड, लाल मृदभांड, कटोरे, घड़े, परफोरेटेड जार के टुकड़े आदि है. पाकिस्तान में स्थित रोहड़ी से प्राप्त होने वाले चर्ट पर निर्मित लगभग 8 से 10 सेमी तक लंबाई के अनेक ब्लेड यहां से प्राप्त हो रही है.इसके साथ ही यहां से मिट्टी से निर्मित चूड़ियां, शंख से निर्मित चूड़ियां, त्रिकोणकार, गोलाकार, इडली नुमा टैराकोटा केक मिल रहे है.सामान को पीसने एवं घिसने से संबंधित अनेक पत्थर मिल भी मिल रहे है. इस हड़प्पा सभ्यता के पुरास्थल के दक्षिणी ढलान पर एक भट्टी मिली है जिसके बीच में एक कॉलम बना हुआ है.इस प्रकार की भट्टियां गुजरात के कानमेर, मोहनजोदड़ो आदि से प्राप्त होती है.

इस पुरास्थल से वेज प्रकार की ईंट प्राप्त हो रही है जिससे यह पता चलता है कि यह ईंट गोलाकार भट्टियां एवं गोलाकार दीवार बनाने में काम आती होगी इसके साथ ही नगरीय सभ्यता से संबंधित सामान्य ईंटें भी प्राप्त हो रही है.दिलीप कुमार सैनी के अनुसार थार में हड़प्पा कालीन अवशेष पहली बार प्राप्त हुए है.


Tuesday, July 29, 2025

GSLV-F16 और NISAR के प्रक्षेपण का दिन आज, जानें कितने बजे उठाया जाएगा ये ऐतिहासिक कदम

 

श्रीहरिकोटा: GSLV-F16 और NISAR के प्रक्षेपण को लेकर ISRO का बयान सामने आया है। ISRO ने कहा, “GSLV-F16 और NISAR के प्रक्षेपण का दिन आ गया है। GSLV-F16 अपने निर्धारित स्थान पर मजबूती से खड़ा है। NISAR तैयार है। आज शाम 5:40 बजे श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश से प्रक्षेपण होगा।”

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क्यों हो रहा प्रक्षेपण?

वैश्विक पृथ्वी अवलोकन के लिए एक ऐतिहासिक कदम के रूप में ये काम किया जा रहा है। नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (NISAR) उपग्रह 30 जुलाई, 2025 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारत के जीएसएलवी-एफ16 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिकी राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (नासा) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित इस उपग्रह को पृथ्वी की उच्च-रिज़ॉल्यूशन, सभी मौसमों में, दिन-रात की तस्वीरें प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।

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क्या है निसार की खासियत?

2,392 किलोग्राम वजनी और दोहरी आवृत्ति वाली रडार प्रणालियों (एल-बैंड और एस-बैंड) से संचालित, निसार आपदाओं, जलवायु परिवर्तनों और पारिस्थितिक परिवर्तनों पर लगभग वास्तविक समय के आंकड़े उपलब्ध कराएगा। इस मिशन से न केवल भारत और अमेरिका को लाभ होने की उम्मीद है, बल्कि वैश्विक निर्णय लेने और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रयासों में भी मदद मिलने की उम्मीद है।

निसार (नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार) संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया पहला प्रमुख पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है। यह मिशन नासा और इसरो के बीच एक दशक पुरानी रणनीतिक साझेदारी का प्रमाण है, जो दर्शाता है कि कैसे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग वैश्विक प्रभाव वाले अत्याधुनिक विज्ञान का निर्माण कर सकता है। यह उपग्रह नासा के एल-बैंड रडार, जो वनस्पतियों और वन छतरियों को भेदने में सक्षम है, को इसरो के एस-बैंड रडार के साथ जोड़ता है, जो मिट्टी और सतही परिवर्तनों की निगरानी के लिए बेहतर अनुकूल है। यह दोहरी आवृत्ति क्षमता निसार को पृथ्वी की विभिन्न घटनाओं का बेजोड़ सटीकता के साथ पता लगाने में अद्वितीय बढ़त प्रदान करती है।

Monday, July 28, 2025

पाकिस्तान कनेक्शन बेनकाब! पहलगाम आतंकियों के पास मिला वोटर कार्ड और चॉकलेट रैपर, गृह मंत्री ने साधा निशाना

 

ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा का आज दूसरा दिन है। इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सदन को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान अमित शाह ने कहा कि मारे गए आतंकवादियों के पास से जब्त किए गए वोटर आईडी और चॉकलेट रैपर पाकिस्तान में बने थे। दरअसल अमित शाह जम्मू कश्मीर के पहलगान में हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकवादियों के मूल स्त्रोत के बारे में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के सवाल का जवाब दे रहे थे। लोकसभा में बोलते हुए शाह ने कहा कि केंद्र ने ठोस सबूत इकट्ठा किए हैं, जिनसे पुष्टि होती है कि आतंकवादी पाकिस्तान से थे।

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आतंकवादियों के पास से मिला पाकिस्तान निर्मित चॉकलेट: अमित शाह

अमित शाह ने आगे कहा कि इन सबूतों में पाकिस्तानी मतदाता पहचान पत्र संख्याएं और मारे गए आतंकवादियों के पास से मिले पाकिस्तान में बने चॉकलेट के रैपर शामिल हैं। सीधे तौर पर चिदंबरम पर हमला बोलते हुए शाह ने कहा, “पाकिस्तान को बचाकर आपको क्या मिलेगा? (पाकिस्तान को बचाने से आपको क्या हासिल होगा?)।” गृह मंत्री ने कहा, “कल वे (कांग्रेस) हमसे पूछ रहे थे कि आतंकवादी कहां से आए और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। बेशक, यह हमारी जिम्मेदारी है क्योंकि हम सत्ता में हैं। कल पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम जी ने सवाल उठाया, क्या सबूत है कि आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे? मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि पाकिस्तान को बचाकर उन्हें क्या मिलेगा। जब वह ऐसा कहते हैं, तो इसका मतलब है कि वे पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं।”


Wednesday, July 23, 2025

बिलासपुर : BJMTUC के तत्वाधान में बिलासपुर में हुआ सांकेतिक प्रदर्शन, सफाई कर्मियों के वेतन में विसंगतियों को लेकर हुआ प्रदर्शन

  

बिलासपु : बिलासपुर नगर निगम पूरे राष्ट्र में अपने सफाई व्यवस्था के लिए टॉप टेन में प्रतिवर्ष जगह बनता है और इस पूरे सफाई व्यवस्था में जिनका सबसे बड़ा योगदान है वह है तीन शिफ्ट में ड्यूटी करने वाले सफाई कर्मियों की, पर यह इनका दुर्भाग्य है कि लायंस सर्विस लिमिटेड जैसे कंपनी के अधीनस्थ होके इनको इस काम को करना पड़ रहा है लायंस कंपनी जो की दिल्ली की कंपनी है जिसे बिलासपुर नगर निगम द्वारा बिलासपुर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए ठेकेदार के लिए रूप में नियुक्त किया गया है, सफाई कर्मियों की मुख्य शिकायत थी के उनके मासिक वेतन को माह खत्म होने के 25 से 28 दिन के विलंब से उन्हें दिया जाता है साथ ही किसी भी प्रकार के सुरक्षा उपकरण मौसम के अनुसार उन्हें नहीं दिए जाते हैं, ऐसे सात- आठ मांगों को लेकर आज भारतीय जनता मजदूर ट्रेड यूनियन काउंसिल के बिलासपुर इकाई ने प्रदेश अध्यक्ष ब्रजेश शर्मा के आदेशानुसार एक सांकेतिक प्रदर्शन बिलासपुर के कोन्हेर गार्डन में किया इस प्रदर्शन में संभाग अध्यक्ष ओम प्रकाश साहू, जिला अध्यक्ष शाहिद रज़ा, महासचिव संदीप कुमार, सचिव आकाश बघेल एवं अन्य संगठन सदस्य मौजूद रहे।


आज के सांकेतिक प्रदर्शन में मुख्य रूप से वेतन वृद्धि, वेतन का समय में भुकतान एवं सुरक्षा उपकरण की उपलब्धता करना एवं कई अन्य मांगों को लेकर सफाई व्यवस्था से जुड़े सैकड़ो की संख्या में सफाई कर्मियों ने संगठन के साथ और संगठन के माध्यम से अपनी बातों को ठेकेदार के कानों तक पहुंचाने का प्रयास किया। सफाई कर्मियों की पीड़ा को समझते हुए संगठन ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया उसके बाद आज इस सांकेतिक प्रदर्शन का आयोजन किया गया।


सांकेतिक प्रदर्शन के पश्चात संगठन के सदस्य एवं सफाई कर्मियों के साथ जाकर जिलाधीश बिलासपुर को उपयुक्त नगर निगम बिलासपुर एवं स्वच्छता अधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंप कर इन समस्याओं से अवगत कराया साथ ही कंपनी के खिलाफ उचित कार्रवाई एवं सफाई कर्मियों के लिए उचित व्यवस्था एवं वेतन भुगतान को लेकर चर्चा किया।

Monday, July 21, 2025

भारतीय किशोर लेखक और वैज्ञानिक ने एलन मस्क पर लिखी प्रेरक जीवनी

 



18 वर्षीय विवान कारुलकर, जो 'नये भारत' के एक प्रतिभाशाली और सफल किशोर लेखक व वैज्ञानिक हैं, ने अपनी तीसरी पुस्तक “इलोन मस्क:  द मैन हू बेंड्स रियलिटी” लिखी है। यह पुस्तक विश्वविख्यात उद्यमी और टेक्नोलॉजी आइकन एलन मस्क के जीवन पर आधारित एक प्रेरणादायक जीवनी है।


विवान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक लेखक और वैज्ञानिक के रूप में व्यापक मान्यता प्राप्त है। उन्होंने सनातन धर्म के वैज्ञानिक पक्ष पर दो पुस्तकें लिखी हैं, जिन्हें देश के प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों, आध्यात्मिक गुरुओं और वैज्ञानिक समुदाय से सराहना प्राप्त हुई है।


केवल 15 वर्ष की उम्र में, विवान को निकट-पृथ्वी वस्तुओं की पहचान से जुड़े शोध के लिए इन-प्रिंसिपल पेटेंट प्राप्त हुआ। इस उपलब्धि के साथ वे दुनिया के सबसे कम उम्र के शोधकर्ताओं और आविष्कारकों में से एक बन गए।


16 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी पहली पुस्तक " द सनातन धर्म : ट्रू सोर्स ऑफ़ ऑल साइंस लिखी। इस पुस्तक का भव्य लोकार्पण 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के श्रीराम मंदिर में हुआ। इसे मंदिर ट्रस्ट के महासचिव श्री चंपत राय जी द्वारा रामलला के गर्भगृह में उनके चरणों में अर्पित कर प्रकाशित किया गया।


17 वर्ष की उम्र में विवान की दूसरी पुस्तक

द सनातन धर्म : ट्रू सोर्स ऑफ़ ऑल टेक्नोलॉजी प्रकाशित की।  15 नवंबर 2024 को परम पूज्य सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी और इसरो अध्यक्ष श्री एस. सोमनाथ जी द्वारा संयुक्त रूप से लॉन्च की गई।


अब, मात्र 18 वर्ष की आयु में, विवान एलन मस्क पर आधारित अपनी तीसरी पुस्तक लेकर आए हैं। यह जीवनी मस्क के जीवन, दृष्टिकोण, नवाचार, और उनकी प्रेरणात्मक सोच को उजागर करती है। विवान पिछले 10 वर्षों से एलन मस्क के कार्यों और विचारधाराओं का गहराई से अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने मस्क को 8 साल की उम्र से ही फॉलो करना शुरू किया था।


यह पुस्तक मस्क के जीवन से जुड़ी कई कम जानी-पहचानी घटनाओं, फैसलों और दृष्टिकोणों को सामने लाती है, जो पाठकों को एक बिल्कुल नई और प्रेरणास्पद दृष्टि प्रदान करती है। यह केवल उनके उद्यमिता की कहानी नहीं, बल्कि उनके भीतर की प्रेरणा, साहस और जोखिम लेने की क्षमता का गहन चित्रण है।


इस पुस्तक का सॉफ्ट लॉन्च 28 जून 2025, एलन मस्क के जन्मदिवस के अवसर पर किया जा रहा है l विवान की यह भी आकांक्षा है कि वे स्वयं श्री मस्क को इस पुस्तक की एक प्रति भेंट करें , एक युवा लेखक की ओर से सम्मान और कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में।


विज्ञान, अध्यात्म और नवाचार को जोड़ते हुए विवान कारुलकर की यह तीसरी कृति आज की युवा पीढ़ी के लिए न केवल एक प्रेरणा है, बल्कि यह दर्शाती है कि विचार और शब्दों के माध्यम से भी दुनिया को बदला जा सकता है।..

Tuesday, July 15, 2025

चांपा-कोरबा मार्ग की सड़कें बदहाल: हादसे का इंतजार कर रहा शासन-प्रशासन, जनप्रतिनिधियों की चेतावनी भी बेअसर

 

चांपा कोरबा मार्ग की सड़कों का हाल बेहाल शासन प्रशासन बड़ी दुर्घटना का कर रही इंतजार पूर्व में इसी सड़क पर जांजगीर-चांपा विधायक नेपौधारोपण कर शासन प्रशासन को जगाया था। जांजगीर चांपा चांपा ओवर ब्रिज से नीचे उतरते ही कोरबा रोड से बालाजी भवन कोरबा रोड सड़क की हालत पुनः बेहाल हो गई है लगातार इस विषय को अधिकारियों के संज्ञान में में लाते हुए भी किसी प्रकार का सुधार न होना ऐसा प्रतीत होता है कि शासन प्रशासन किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रही है उक्त सड़कों से भारी वाहन हमेशा कोयला लोड ट्राला और सभी भारी माल वाहक वाहन जाते रहती है वह वाहन तो किसी तरीके से निकल जाती है परंतु छोटे वाहनों को बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है.

Friday, July 4, 2025

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम्स के साथ रचें उज्जवल भविष्य – 2025–27 सत्र के लिए प्रवेश की प्रक्रिया शुरू

 


नेशनल, 26 जून 2025:  जयपुर स्थित अग्रणी स्वास्थ्य प्रबंधन शोध विश्वविद्यालय आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने शैक्षणिक सत्र 2025-27 के लिए प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी है। संस्थान ने इच्छुक अभ्यर्थियों को अपने एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम्स में आवेदन करने के लिए आमंत्रित किया है। ये प्रोग्राम हैं:

• मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ (Master of Public Health)
• मास्टर ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन (Master of Hospital Administration)
• एमबीए (सीएसआर और ईएसजी प्रबंधन) – MBA (CSR & ESG Management)
• एमबीए (सस्टेनेबल बिजनेस मैनेजमेंट) – MBA (Sustainable Business Management)
• एमबीए (फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट) – MBA (Pharmaceutical Management)

इन कार्यक्रमों में आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 सितंबर 2025 है।
ये दो वर्षीय एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम विशेष रूप से मिड-से सीनियर स्तर के पेशेवरों के लिए बनाए गए हैं, जो रणनीतिक शिक्षा के माध्यम से अपने करियर को नई ऊँचाइयों पर ले जाना चाहते हैं। ये सभी कार्यक्रम उद्योगों के लिए प्रासंगिक और जरूरी पाठ्यक्रमों के साथ तैयार किए गए हैं ताकि प्रतिभागियों को अपस्किल करने और करियर में तेज़ी से आगे बढ़ाने में मदद मिल सके।

ये प्रोग्राम ब्लेंडेड लर्निंग फॉर्मेट (ऑनलाइन और ऑफलाइन का संयोजन) में संचालित होते हैं, जिनमें अत्याधुनिक अकादमिक सामग्री के साथ वास्तविक दुनिया में उपयोग की जाने वाली जानकारी दी जाती है। इन्हें प्रतिष्ठित फैकल्टी और उद्योग विशेषज्ञों द्वारा पढ़ाया जाता है।

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पी.आर. सोडानी ने कहा: “भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र आज राजस्व और रोजगार – दोनों ही दृष्टिकोणों से सबसे बड़े क्षेत्रों में से एक बन चुका है। हमारे एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम्स इस क्षेत्र की विकसित होती आवश्यकताओं के साथ-साथ विद्यार्थियों की आकांक्षाओं के अनुरूप डिज़ाइन किए गए हैं। 40 वर्षों की विरासत के साथ, आईआईएचएमआर आपके करियर को आगे बढ़ाने में एक सशक्त मंच सिद्ध होगा। हमारे प्रोग्राम्स हेल्थकेयर, ESG, सस्टेनेबिलिटी और फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट जैसे ट्रेंडिंग क्षेत्रों के अनुसार निर्मित हैं, जो पेशेवरों को बदलते समय के साथ सामंजस्य बिठाने और अपने संगठनों एवं समाज में सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने के लिए सक्षम बनाते हैं।”

पात्रता मानदंड: किसी भी विषय में स्नातक डिग्री रखने वाले उम्मीदवार जिन्होंने कुल मिलाकर 50% या उससे अधिक अंक (SC/ST/OBC-NC/EWS/PwD के लिए न्यूनतम 45%) प्राप्त किए हों, वे इन पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि किसी उम्मीदवार ने स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की है और उसमें न्यूनतम 50% अंक हैं, तो स्नातक डिग्री में न्यूनतम अंकों की शर्त नहीं लागू होगी।
अधिक जानकारी के लिए या आवेदन करने के लिए देखें:

Monday, June 30, 2025

टेलरिंग एवं अपैरल डिजाइनिंग के क्षेत्र में उध्यमितता कि अपर सम्भावनाये हैं - डॉ कर्नाटक

 


 


प्रतिष्ठित श्री रतन वृद्धि मोतीलाल मेहता चैरिटेबल ट्रस्टभादसोड़ा (जिला चित्तौड़गढ़) में आयोजित "टेलरिंग एवं अपैरल डिजाइनिंग" विषय पर व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह भादसोड़ा ता. भदेसर(चित्तोड़गढ़)  में संपन्न हुआ . इस प्रभावशाली कार्यक्रम की संकल्पना एवं आयोजन एमपीयूएटीउदयपुर के पूर्व कुलपति एवं आईसीएआर के पूर्व उप महानिदेशक (शिक्षा) डॉ. एस.एल. मेहता जी के दूरदर्शी नेतृत्व में किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ अजीत कुमार कर्नाटक, कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर ने ग्रामीण बालिकाओं और महिलाओं को प्रशिक्षण को समाप्ति पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि टेलरिंग एवं अपैरल डिजाइनिंग के क्षेत्र में उध्यमितता कि अपर सम्भावनाये हैं जो प्रशिक्षण आपने पूरी लगन और मेहनत से पूर्ण किया है उसमे करियर निर्माण और उद्यमिता की ढेर सारी संभावनाएँ हैं जैसे - फैशन एवं टेक्सटाइल डिज़ाइनर, बुटीक संचालन / उद्यमी, कंप्यूटर आधारित डिज़ाइन में  विशेषज्ञता, टेक्सटाइल इंडस्ट्री में गुणवत्ता नियंत्रक , सरकारी योजनाओं में महिला सशक्तिकरण विशेषज्ञ या फैशन कंसल्टेंट इत्यादि का कार्य किया जा  सकता है । उन्होंने कहा कि डॉ. एस.एल. मेहता शिक्षाग्रामीण उत्थान एवं सामाजिक विकास के प्रति अपने अटूट समर्पण के माध्यम से पीढ़ियों को प्रेरित करते रहते हैं।

इस अवसर पर अकादमिक दिग्गजों की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम में और भी चार चांद लगा दिए . इस अवसर पर - एमएलएसयूजीजीटीयू बांसवाड़ा और एमपीयूएटी के पूर्व कुलपति प्रोफेसर आई.वी. त्रिवेदी और एमपीयूएटीउदयपुर के पूर्व कुलपति प्रोफेसर यू.एस. शर्मा भी उपस्थित थे । उच्च शिक्षा और शासन में उनके विशिष्ट योगदान ने इस कार्यक्रम को और भी समृद्ध बना दिया।

कार्यक्रम के आयोजक डॉ. एस.एल. मेहता ने बताया कि इस प्रशिक्षण में  प्रायोगिक प्रशिक्षण दे कर विषय में दक्षता प्रदान कि गयी है उन्होंने बताया कि इस ट्रस्ट द्वारा विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण के लिए यहाँ मीन्स कम मेरिट छात्रवृत्ति, नवोदय स्कूलों में प्रवेश परीक्षा, कंप्यूटर शिक्षा और दक्षता, कम्युनिकेशन, इंग्लिश स्पीकिंग और कैलीग्राफी कि कोचिंग भी दी जाती है जिससे इस क्षेत्र के सैंकड़ो छात्र छात्राए लाभान्वित हुए हैं । इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 40 ग्रामीण बालिकाओं और महिलाओं ने सिलाई और वस्त्र निर्माण का प्रशिक्षण प्राप्त किया, आमंत्रित अतिथियों ने उन्हें  प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किये 

राजस्थान के रेगिस्तान में 4500 साल पुराना शहर खोजा गया, पाकिस्तान बॉर्डर के पास बड़ी खोज से वैज्ञानिक भी हैरान

  जयपुर:  पश्चिमी राजस्थान के थार रेगिस्तान में एक ऐतिहासिक खोज हुई है.जिसमे हड़प्पा सभ्यता के 4500 साल पुराने अवशेष मिलने का दावा किया जा र...